|| विद्यालय गीत ||
राम-कृष्ण की परम्परा के उपवन के हम सुरभित फुल झारखण्ड का स्वाभिमान है "बोकारो पब्लिक स्कूल"
पढ़े, बढे और गढ़े नया एक, देश जहाँ खुशहाली हो कौशल के नव उपक्रम से, कोई भी हाथ न खाली हो विद्यालय का मंत्र 'काम है पूजा' कर लें आज कबूल झारखण्ड का स्वाभिमान है, " बोकारो पब्लिक स्कूल"
चार सदन मिथिला, नालंदा, मगध और है वैशाली सह शिक्षा के संग संग गुरुकुल पद्धति भी अपना ली जय किसान,विज्ञान, जवान है विद्यालय जीवन का मूल झारखण्ड का स्वाभिमान है, “बोकारो पब्लिक स्कूल”
अयस पंख ले उड़े उफक पर, लौह इरादी भर सांसें हर उड़ान पहचान बने, चल वादा कर, धरती माँ से चलें जिधर भी बने डगर, पर मंजिल हम न जायें भूल झारखण्ड का स्वाभिमान है, “बोकारो पब्लिक स्कूल”
नभ को चूमें, सात समद को लांघे , पर ये याद रहे मातृभूमि से नाता अपना, हरदम ही आबाद रहे अपना विद्यालय सिखलाता , चन्दन है स्वदेश का धूल झारखण्ड का स्वाभिमान है, “बोकारो पब्लिक स्कूल”